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समाजवादी पार्टी ने कन्नौज की हाई प्रोफाइल सीट से तेज प्रताप यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। तेज प्रताप पहले मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं। कन्नौज सीट समाजवादी पार्टी के लिए बहुत प्रतिष्ठा वाली सीट बन गई है। अखिलेश यादव यहां खुद पार्टी के प्रचार से लेकर चुनाव कैंपेन को देखते हैं। चर्चा थी की अखिलेश यादव खुद लड़ेंगे लेकिन उन्होंने अपने भतीजे तेज प्रताप को मैदान में उतारा है।
बलिया से सनातन पांडे सपा के उम्मीदवार बनाए गए हैं।
कन्नौज सीट से सपा ने अपने परिवार के सदस्य पर ही भरोसा जताया है. तेज प्रताप सिंह यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के भ्रातृ पौत्र हैं. साथ ही अखिलेश यादव उनके चाचा हैं. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट से अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव चुनाव हार गई थीं और बीजेपी के सुब्रत पाठक ने जीत हासिल की थी. इस बार भी बीजेपी ने पाठक को ही टिकट दिया है. तेज प्रताप के मैदान में उतरने से लड़ाई और दिलचस्प हो गई है. तेज प्रताप सिंह इटावा जिले के सैफई के रहने वाले हैं और उनके पिता रणवीर सिंह थे. उन्होंने ब्रिटेन से उच्च शिक्षा हासिल की है. उनकी शादी लालू यादव की बेटी राजलक्ष्मी के साथ हुई है. सपा ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी सीट से उतारा था और तीन लाख से अधिक वोटों के अंतर से विजयी हुए थे.
बलिया लोकसभा सीट से सपा ने सनातन पांडे पर भाग्य आजमाया है. वह मूल रूप से बलिया के ही रहने वाले हैं. सनातन पांडे मिर्जापुर से डिप्लोमा की पढ़ाई करने के बाद गन्ना विभाग में इंजिनियर बने और वर्ष 1996 में नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा. 2002 में चिलकहर विधानसभा से निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर ली और वो फिर 2007 में बलिया के चीलकहर विधानसभा से समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने. परिसीमन के बाद चिलकहर विधानसभा का अस्तित्व समाप्त हो गया.