शमशाबाद, समृद्धि न्यूज। ढाईघाट शमशाबाद जहां माघ का महीना आरंभ होते ही रामनगरिया का मेला सजने लगा था। आजकल मेला सबाब पर है। चारों ओर कल्पवासियों साधु संतों के टेंट सजे हुए हैं। साधु संत गंगा मैया की पवित्र जलधारा में गोते लगाकर भगवान के गुणों का गुणगान कर रहे हैं। हर तरफ चकाचौंध का माहौल है। मेले की सजावट देखते ही बन रही थी। कहावत है ज्यादा खुशियां कभी-कभी मुश्किलों का कारण बनने लगती हैं। जी हां आजकल ढाईघाट शमशाबाद की पवित्र गंगा नदी जहां बसी रामनगरिया में कल्पवास करने वाले कल्पवासियों साथ कुछ अलग होता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है गंगा नदी के किनारे कल्पवास कर रहे कल्पवासियों की मुश्किलें बढऩे लगी हैं, क्योंकि गंगा की जलधारा से कटाव बढ़ गया, जो लगातार बढ़ता जा रहा है। परिणाम कल्पवासी साधु संत के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखने लगीं हैं। मायूस कल्पनासियों का कहना था अगर कटान यूं जारी रहा तो उन्हें तंबू आदि उखाड़ कर दूसरी जगह पर जाना पड़ेगा। बुधवार को रामनगरिया पहुंचे हमारे संवाददाता को कल्पवासियों ने बताया गंगा मैया का जलस्तर बढऩे लगा है। जिससे नदी के किनारे कटाव देखा जा रहा, जो कल्पवासियों के लिए एक चिंता का विषय है। देखना है गंगा मैया का आदेश क्या होता है। संतो ने कहा अगर गंगा मैया की मर्जी होगी तो कल्पवास करेंगे नहीं तो झुग्गी झोपड़ी आगे पीछे करेंगे। संतों का कहना था यह उनका सौभाग्य है जो उन्हें पौराणिक ऐतिहासिक स्थलढाई घाट शमशाबाद में कल्पवास करने का मौका मिला। वरना कोई नहीं जानता कल क्या होगा। बाकी सब गंगा मैया की मर्जी।