फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। फतेहगढ़ की एतिहासिक वा गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल की लोको स्थिति दरगाह हजऱत मखदूम शाह सय्यद शहाबुद्दीन औलिया अलैहि रहमा शाबान मुअज्जम के महीने की नौचंदी जुमेरात बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। दूर दराज से आए अकीदतमंदों ने अपने-अपने तरीके से फूल वा चादर पेश की। जिसमे सभी मजहब के जायरीनों ने हाजिरी दी और अपनी अकीदत पेश की और लंगर भी तकसीम किया गया। दरगाह के नायब सज्जादा नशीन ने तकरीर कर कहा कि सभी को धर्म जात पात से ऊपर उठकर अमन भाईचारा, मोहबत और शिक्षा को आगे बढ़ाना चाहिए। ये दरगाहें मानवता का प्रतीक है। सफी संतों ने सदैव अमन संदेश देने के साथ सभी धर्मों का सम्मान करने की शिक्षा दी है। आज सूफी संतो की शिक्षा से दूरी से ही हमारी भाई चारगी समाप्त हो रही है। हर दौर में औलिया, कराम ने अमन भाई चारगी का सन्देश इनके आस्ताने पे आने वालों को रूहानी फैज के साथ साथ इंसानियत का भी पैगाम मिलता है। नातिया कलाम पेश किये। फरहान ने दर्द सहकर भी तेरा नाम लिऐ जाते हैं तेरे दीवाने आका तुझे याद किए जाते हैं। गुलाम मुस्तफा ने पढ़ा तुम्हे मालूम किया रुतबा शहाबुद्दीन शाह का है फरिश्तों में बड़ा चर्चा शहाबुद्दीन शाह का है। कारी मिनशाद ने बेहतरीन अंदाज में कुरान पाक की तिलावत की। इस मौके पर आसिफ़ साबरी, रफत हुसैन, राहुल, शादाब, राजेश मैनपुरी, राम नरेश कन्नौज, शिवम आदि मौजूद रहे।