फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा इंजीलवादी डा0 के0ए0 पॉल द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया। जिसमें भारतीय चुनावों में फिजिकल बैलेट पेपर से मतदान फिर से शुरू कराने मॉग की गयी थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति पी0बी0 वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता डा0 पॉल ने तर्क दिया कि ई0वी0एम0 से छेड़छाड़ की जा सकती है। न्यायमूर्ति ने याचिकाकर्ता के ई0वी0एम0 से छेड़छाड़ के दावों को खारिज कर दिया और उजागर किया जो केवल चुनाव हारने पर ई0वी0एम0 की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हंै। यदि आप चुनाव जीतते हैं तो ई0वी0एम0 से छेड़छाड़ नहीं की जाती है। जब आप चुनाव हारते है तो ई0वी0एम0 से छेड़छाड़ की जाती है। जब चंन्द्रबाबू नायडू हार गए तो उन्होंने कहा कि ई0वी0एम0 से छेड़छाड़ की जा सकती है। अब इस बार जगन मोहन रेड्डी हार गए। उन्होंने कहा कि ई0वी0एम0 से छेड़छाड़ की जा सकती है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पी0बी0 वराले को याचिकाकर्ता डा0 पॉल के तर्को में कोई योग्यता नहीं मिली। जिस कारण याचिका पर विचार नहीं किया गया और जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया।