सरकारी प्राइमरी स्कूलों में अब शिक्षक नहीं बन सकेगें बीएड डिग्रीधारी
लखनऊ/फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सरकारी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बी0एड0 अभ्यार्थियों को बाहर करने के सर्वोच्च न्यायालय से फैसले जहां एक ओर बी0टी0सी0/डी0 एल0एड0 उत्तीर्ण अभ्यार्थियों में खुशी की लहर है। वहीं दूसरी ओर बी0एड0 अभ्यार्थियों के सपनों पर पानी फेर दिया है।
विगत वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में तो प्राइमरी में 69000 शिक्षकों की भर्ती में बड़ी संख्या में बी0एड0 डिग्री धारी अभ्यार्थियों का चयन हो चुका है और वह कई वर्षों से वेतन प्राप्त कर रहे। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय प्राइमरी स्कूलों में सर्विस कर रहे हजारों बी0एड0 डिग्री धारकों के खिलाफ आने से अनेक भविष्य पर खतरे की तलवार लटक रही है? दरअसल प्राइमरी शिक्षक भर्ती में वर्ष 2018 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एन0सी0टी0ई0) द्वारा गजट कर बी0एड0 को भी शामिल करने की व्यवस्था दी गई थी। इसी के तहत प्रदेश सरकार ने प्राइमरी में 69000 शिक्षकों की भर्ती में बी0टी0सी0/डी0एल0एड0 के साथ-साथ बी0एड0 पास अभ्यार्थियों को योग्य माना था। भर्ती परीक्षा में बड़ी संख्या में बी0एड0 डिग्री धारी अभ्यार्थियों का प्राइमरी शिक्षक के रुप में चयन हो गया, जो कई वर्षों से नौकरी कर रहे है और सरकार से वेतन भी पा रहे है। अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी बी0एड0 को प्राइमरी में भर्ती के लिए अयोग्य करार दिया है और कोर्ट ने (एन0सी0टी0ई0) के उस आदेश को भी रद्द कर दिया है जिसमें प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए बी0एड0 को शामिल करने का गजट जारी किया था। ऐसी स्थिति में प्राइमरी में चयनित हुए बी0एड0 अभ्यार्थियों के भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति बन गयी है।
सी0टी0ई0टी0 में पास अभ्यार्थियों का प्रमाण पत्र भी रद्द
फर्रुखाबाद। सी0बी0एस0ई0 ने दिसम्बर 2022 में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सी0टी0ई0टी0) की परीक्षा आयोजित की थी। जिसमें प्राथमिक (कक्षा 1 से 5 तक) स्तर की परीक्षा में यह शर्त रखी थी कि परीक्षा पास करने वाले के प्रमाण पत्र की वैधता सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। इस स्थिति से अब स्पष्ट है कि जिन बी0एड0 अभ्यार्थियों ने प्राइमरी स्तर की सी0टी0ई0टी0 परीक्षा पास की है, उनके लिए प्रमाण पत्र रद्दी के टुकड़े के बराबर हो जायेगा।