फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। शिक्षा और जागरूकता के अभाव में घनी आबादी वाले मोहल्लों व तंबाकू की गोदामों में काम करने वाले मजदूर टीबी रोग की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। तंबाकू का सेवन करने तथा हवा में उडऩे वाली गंध से फेफड़े संक्रमित कर रही है।
चिकित्सक बताते हैं कि तम्बाकू का सेवन करना ही कैंसर और टीबी को बढ़ावा देता है। कारखानों में काम करने वाले श्रमिक तो पूरे समय वहां रहते हैं। उनके फेफड़ों में संक्रमण तेजी से बढ़ता है। पिछले वर्षों में ग्रामीण इलाके में ज्यादा रोगी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग घर-घर जाकर स्क्रीनिंग कर रहा है। अभियान के तहत ग्रामीण इलाके में मरीज ज्यादा मिल रहे हैं। क्षय रोग उन्मूलन के तहत 22 मार्च से शहर व ग्रामीण इलाके में घर-घर मरीजों को खोजने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान चलाया है। विभाग ने ब्लॉक क्षेत्र में करीब दो दर्जन टीमों का गठन किया गया है। इसमें एक टीम के साथ एक सुपरवाइजर साथ आशा, एएनएम को जिम्मेदारी दी गई है। टीम रोजाना घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है। संदिग्ध होने पर जांच के लिए उनके बलगम का नमूना व एक्सरे कराया जा रहा है। टीम को रोजाना चार से पांच मरीज मिल रहे हैं। जो मरीज मिल रहे हैं उनका इलाज चल रहरा है। जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि 2025 तक टीबही खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कायमगंज क्षेत्र तंबाकू के कारोबार से जुड़ा है। ग्रामीण इलाके के तमाम लोग गोदामों में मजदूरी करते हैं। तंबाकू के सेवन या उसकी धूल से टीबी का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा।