लेखिका का व्यक्तित्व बहुआयामी,अनुभवों का लेखन पाठकों तक पहुंचाएं-राज्यपाल

राज्यपाल के उदार व्यक्तित्व से प्रेरित होकर राजभवन में पुस्तक विमोचन किया– उप राज्यपाल लद्दाख कोरोना काल में लोगों को पलायन के दर्द ने पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया-लेखिका नीलम मिश्रा राज्यपाल ने राजभवन से नीलम मिश्रा के उपन्यास ‘परदेसी‘ का किया विमोचन
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को राजभवन के गांधी सभागार में समारोहपूर्वक नीलम मिश्रा द्वारा लिखित उपन्यास ‘परदेसी‘ का विमोचन किया।लेखिका नीलम मिश्रा लद्दाख के उप राज्यपाल ब्रिगेडियर डॉ. बी.डी.मिश्रा की पत्नी हैं।इस अवसर पर विमोचन समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पुस्तक में लेखिका ने अपनी गुजरी हुई पीढ़ी के संघर्षों और उनके प्रेरणादायी कार्यों का स्मरण किया है,जो कि आज की पीढ़ी के लिए अत्यंत प्रेरणादायी है।उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति के दूर होती पीढ़ी को संस्कृति से जोड़े रखना और पीढ़ियों के कार्यों का स्मरण कराना जरूरी है।राज्यपाल ने समारोह में लेखिका एवं लद्दाख की प्रथम महिला के बहुआयामी व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए उनकी विविधतापूर्ण शिक्षा, जीवन के विभिन्न आयामों से जुड़ाव की चर्चा भी की और उन्हें सीमावर्ती प्रदेशों में हुए बदलावों के आंखों देखे अनुभवों पर भी लेखन के लिए प्रेरित किया।

उपस्थित लोगों को पुस्तिका को पढ़ने की सलाह देते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज भवन में इस प्रकार के विविध कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य होता है की जहां रहते हैं उसको अच्छा कैसे किया जाए इस पर ध्यान देना चाहिए।राज्यपाल ने कहा कि सीखने की प्रवृत्ति अंदर से होनी चाहिए,सीखने से आनंद आता है। उन्होंने कहा कि जहां जन्म लेते हैं,खेलते कूदते पढ़ते हैं तो जीवन में आगे बढ़ने पर उसे स्थान के लिए कुछ करना चाहिए।लेखिका को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के अनुभव को भी पुस्तिका के रूप लिखें और आगे भी लिखते रहे।उन्होंने कहा कि पहले संसाधन के अभाव में भी संतोष की जिंदगी होती थी।इस क्रम में उन्होंने अपने बचपन के संस्मरणों को भी साझा किया।इस अवसर पर उप राज्यपाल लद्दाख, ब्रिगेडियर डॉ0 मिश्रा ने राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके उदार व्यक्तित्व ने लखनऊ आकर पुस्तक विमोचन के लिए प्रेरित किया।उन्होंने अपने आप को राज्यपाल के स्नेह एवं सद्भाव हेतु सौभाग्यशाली बताते हुए राज्यपाल की विद्या,निर्णय और प्रशासनिक नेतृत्व की क्षमता को सराहनीय बताया।
इस अवसर पर लेखिका और प्रथम महिला लद्दाख नीलम मिश्रा ने राज्यपाल का आभार जताया और अपने आप को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि यह उनकी प्रथम रचना है। कोरोना काल में लोगों के पलायन के दर्द ने रचना के लिए प्रेरित किया और इस रचना में उपन्यास के मूल में उनके पितामह भगवानदीन दुबे हैं।उन्होंने कहा की पुस्तक के माध्यम से एक सकारात्मक भाव और ऊर्जा का संचार होगा।उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी साहस सहनशीलता और कर्मठता से सफलता मिलती है।उन्होंने कहा कि लोगों को समाज के लिए पे बैक करना चाहिए तथा अपने जड़ से जुड़कर रहना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा,अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे व पुलिस महानिदेशक विजय कुमार व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *