भगवान राम के बारे में जितना जाना जाए उतना हम सनातनियो के लिये कम है……………

ॐ!! जय जय श्री राम !!ॐ

नाम जपते रहो :

रजत रविन्द्र श्रीवास्तव

भगवान राम के बारे में जितना जाना जाए उतना हम सनातनियो के लिये कम है ।
आज हम आप सभी को बताएंगे ‘ अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ‘ के बारे में एक नई बात उनके नाम ‘ राम ‘ के बारे में एक नई बात उनके नाम ‘ राम ‘ के बारे में जोकि ‘मह्रिषी वशिष्ठ’ ने रखा था। और वह ‘ श्री राम ‘ गुरु भी थे।
क्या राम के नाम मे छिपा हुआ है ,
राम के नाम क्यों कहा जाता है ,
राम नाम सत्य है
किस लिए कहा जाता है

जा पर कृपा राम की हाई ।
ता पर कृपा करें सब कोई ।।

आपको बताएंगे कुछ व्यक्तियों के अंदर ये ‘मैं’ का अहँकार ( घमण्ड ) कैसे आ जाता है
हमारे यहाँ पृथ्वी पर चार युग होते है

(1)= सतयुग – में राक्षस का नाम बड़ा था ( हिरंडकश्यप)
(2)= त्रेता – में राक्षस का नाम थोड़ा छोटा हुआ तीन अक्षर का (रावण )
(3)= द्वापर में राक्षस का नाम थोड़ा और छोटा हुआ दो अक्षर का ( कंस )
(4)= और अंत में राक्षस का नाम सबसे छोटा हुआ एक अक्षर का ( मैं )
हमे इस राक्षस को खत्म करना होगा ।
जोकि ‘मैं’ है
इस ‘मैं’ को खत्म करने के लिये मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम का निरंतर जप करना होगा।
कलयुग के मनुष्य के अंदर ‘मैं’ नाम का अहँकार अतिशीघ्र उत्पन्न हो जाता है जिसे हम मनुष्य ‘घमण्ड’ भी कहते है।
अपने जीवन का एक मूलमंत्र बनाये जिस मूलमंत्र को ‘राम’ कहा गया है या कहा जाता है।

उधारण के तौर पर बताये तो कहा जाता है कि परम् सिद्ध बाबा नीव करौली जी महाराज प्रभु श्री राम का निरंतर जप किया करते थे बाबा नीव करौली जी महाराज को हनुमान जी महाराज का एक स्वरूप बताया जाता है, वही कुछ लोग उन्हें कलयुग के हनुमान जी कहते है वे अपने भक्तों की किसी न किसी रूप में आकर स्वम रक्षा किया करते है।

अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का विषय लगभग 500 वर्षो से भी ज्यादा का चला लेकिन निर्णय हुआ।
और हिन्दुओ के पछ में निर्णय आया आज राम मंदिर बनने का सपना बहुत से लोगो का पूरा हुआ
दिन था 22 जनवरी 2024 के जब राम मंदिर का लोकार्पण हुआ देश-विदेश से लोग आए वही फिल्मी दुनिया की बहुत बड़ी- बड़ी हस्ति आई साथ ही प्रधानमंत्री समेत दूसरी पार्टी के दिग्गजों ने अपनी – अपनी हाजरी लगाई

: अब हम आपको बताते है राम नाम की महिमा नाम का अर्थ क्या है राम के नाम मे,

: रा’ का मतलब क्या है
‘म’ का मतलब क्या है
जैसे कुछ लोगो का कहना है,ये नाम जाप करो तो ये मिलेगा, वो नाम जाप करो तो ये मिलेगा , राम नाम मे ऐसा क्या छुपा हुआ है इसे हम आज उजागर करंगे

: ‘रा’ का मतलब ( राधा )
: ‘म’ का मतलब ( माधब ) अथार्थ श्री कृष्ण जी

राधा नाम मे अनन्त शक्तियां पाई गई है, वही हमारे माधब (श्री कृष्ण) ने अनेक रासलीलाएं व उनके अनेको चमत्कार किये है
: जो कहते है राधा-राधा,माधब-माधब,शिव-शिव,विष्णु-विष्णु ये सब नाम जपो ये प्राप्ति होगी उन सबको बताना चाहूंगा कि राम नाम मे ही सब कुछ है
अच्छा एक बात बताइये जब हमारे पार्थिव शरीर को शमशान घाट की ओर ले जाया जाता है, तो सिर्फ उस समय चारो तरफ एक ही नाम की बाढ़ आई होती है
केवल एक और एक ही नाम की
वो क्या ?
राम नाम सत्य है,
राम नाम सत्य है
बस एक ही नाम …….
मेरा किसी भी व्यक्ति या किसी की आस्था पर ठेस पहुचाने का किसी भी प्रकार का कोई भी उद्देश्य नही है
इसीलिए कहा है हमने नारायण भगवान विष्णु के सातवें अबतार श्री राम की कृपा होगी तब कितनो का कल्याण होगा

अगर कोई पूछे कौन है
”मर्यादा पुरुषोत्तम राम”
तो बता देना उनको
मर्यादा की जो सीमा न लांगे वो है ”राम”
पुरुषो में है सबसे उत्तम तभी कहलाते है वो पुरुषोत्तम ये है वो ”राम”
अयोध्या के राजा होकर भी माता की खातिर जाते है वो वनवास को वो है ”राम”
और तुम पूछते हो कौन है राम

वैसे कहा जाए तो सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु जी को कहा गया है हम सनातनियों के लिये बात की जाए तो जिसकी आस्था जिसमे जुड़ जाए हम लोगो के लिये वही हमारे पालनहार हो जाते है
हम आपको बताते चले कि भगवान ( नारायण ) अथार्थ विष्णु जी ने सृष्टि को हर रूप से सजाया है और वही भगवान शिव ने पूरे ब्रह्मांड को रंग डाला है।
:- हमारे बड़े बुजुर्ग एक बात कहे गए है उसको याद रखिये हमारे बड़े बुजुर्ग हम सभी छोटे-बड़े , भाई- बंधुओ को कभी गलत शिक्षा नही देते और ये हम सब अपने बड़े बुजुर्गों से ही सीखते है राम – राम कहना और हमारे बड़े बुजुर्ग ही बोलते है

जा पर कृपा राम की हाई ।
ता पर कृपा करें सब कोई ।।

यदि आप भी नारायण अवतारी ”मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम” की कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो भगवान राम के नाम का जाप करे राम को समझने की कोशिश करे उनके आदर्शों पर चले तब इस कलयुग में हम सभी मनुष्य (मानव) जाति का कल्याण व मंगल होगा
:- जब से अयोध्या में राम मंदिर बनने का सपना पूरा हुआ है तब से हम सनातनियों में एक नए जोश की ज्वाला उत्पन्न हुई है मेरी आप सभी माताओ-बहनो, छोटे-बड़े भाइयों से अनुरोध है कि अपने अंदर इस ज्वाला को कम न होने दे।

अंत मे ,

”रा” :- ( राधा )
”म” :- ( माधब )( कृष्ण )

अथार्थ :- ”राम”

 

 

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