प्रधानाचार्य परिषद ने भरी हुंकार,दिया एक दिवसीय धरना

14 प्रमुख समस्याओं के निस्तारण के लिए शिक्षा अधिकारी को सौंपा मांग पत्र।
अमिताभ श्रीवास्तव
अयोध्या। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को शिक्षा भवन पर धरना दिया।इस एक दिवसीय धरना के माध्यम से प्रधानाचार्य परिषद ने पूरजोर तरीके से हुंकार भरी। इस दौरान परिषद ने 14 प्रकरण से संबंधित मांगपत्र शिक्षा अधिकारी उप शिक्षा निदेशक डॉ. ओमप्रकाश गुप्ता और जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. पवन कुमार तिवारी को सौंपकर निस्तारण कराने की मांग की।धरने की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष/प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ. मणि शंकर तिवारी ने की।
शिक्षा अधिकारी को सौपें मांग-पत्र में वर्ष 1993 के बाद तदर्थ रूप से अद्यतन कार्यरत प्रधानाचार्य की सेवाएं विनियमित करने,माध्यमिक विद्यालयों में विभिन्न मदों के शुल्कों का पुनर्निर्धारण 2010 के बाद अब तक नहीं होने की दशा में बीत चुके 11 वर्ष में बढ़ी महंगाई के अनुरूप सभी शुल्कों का पुनर्निर्धारण करने,स्ववित्त पोषित विद्यालयों को अनुदान सूची में लाने हेतु नियम बनाये जाने तथा कार्यरत शिक्षकों,प्रधानाचार्यों एवं कर्मचारियों को वित्त पोषित की भांति वेतन दिए जाने,जब तक वेतन दिए जाने की प्रक्रिया लागू नहीं होती है तब तक मानदेय देने की व्यवस्था किया जाने की मांग की गई है।मांग पत्र में कक्षा एक से कक्षा आठ तक निःशुल्क शिक्षा के कारण अध्ययनरत छात्रों का सम्पूर्ण विकास अवरूद्ध होने की बात करते हुए सभी शुल्क की क्षतिपूर्ति कराए जाने,राजाज्ञा का हवाला देते हुए परिषद ने बताया कि दस रुपए प्रति छात्र की दर से विद्यालय को दिए जाने की बात की गई थी। लेकिन क्रियान्वयन नहीं हुआ। ऐसी दशा में कक्षा 9 एवं कक्षा 11 के पंजीकरण शुल्क का 50 प्रतिशत धनराशि विद्यालयों को देने की मांग भी की गई है। माध्यमिक शिक्षा में कार्यरत अन्य संवर्गों की भांति प्रधानाचार्यों को त्रिस्तरीय वेतनमान अनुमन्य करते हुए हाईस्कूल के प्रधानाचार्यो का प्रारम्भिक ग्रेड पे 6600 रुपए (सातवें वेतन के लेवल-2) किये जाने,केन्द्र की भांति प्रदेश में कार्यरत शिक्षकों,प्रधानाचार्यो को चिकित्सा भत्ता देने और अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यो को निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था कराने की मांग की गयी है।साथ ही आकस्मिक व्यय,चाक,रजिस्टर एवं यात्रा भत्ता हेतु विद्यालय के विकास निधि में 9वां मद सृजित कर राजाज्ञा निर्गत करने, विद्यालयों को निःशुल्क विद्युत अथवा निम्न दर पर विद्युत उपलब्ध कराने,माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं के संचालन,मूल्यांकन,संकलन एवं अन्य कार्यों के पारिश्रमिक दरों को महंगाई के अनुपात में पुनरीक्षित किए जाने,वित्तविहीन एवं वित्तपोषित विद्यालयों को बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों की भांति विकास निधि,परीक्षा निधि,ड्रेस,बैग, पुस्तकें,मध्यान्ह भोजन की समुचित व्यवस्था करने,शैक्षिक गुणवत्ता वृद्धि हेतु प्रतिवर्ष 25 प्रतिशत माध्यमिक विद्यालयों को वाचनालय एवं पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं,भवन, फर्नीचर,कम्प्यूटर,पेयजल एवं शौचालय हेतु अनावर्तक अनुदान दिया जाने सहित प्रधानाचार्यो को पुर्नबोधात्मक प्रशिक्षण देने और वर्ष 2005 से नियुक्त शिक्षकों, कर्मचारियों एवं प्रधानाचार्यो को पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग शामिल है।धरने का संचालन जिला मंत्री/ रामप्रिया शरण सिंह ने किया।इस दौरान परिषद के संरक्षक डॉ. वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी,डॉ. राम सुरेश मिश्र सहित कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा,राजकरण इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. शिवकुमार मिश्र,आदर्श इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य वरुण प्रताप सिंह,फॉर्ब्स इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य रियाल अहमद, मनोहर लाल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जितेंद्र राव,डॉ. उदय भान सिंह,अशोक कुमार तिवारी सहित कई विद्यालय के प्रधानाचार्य,पदाधिकारी मौजूद रहे।

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