- मज़हब-ए-इश्क़ में शजरा नहीं देखा जाता
- हर परिंदों में क़बीला नहीं देखा जाता
- लश्कर-ए-ख़्वाब किसी तौर उतर आंखों में, रात भर नींद का रस्ता नहीं देखा जाता
बरेली। ऐसा ही मुरादाबाद के बिलारी क्षेत्र की रहने वाली नाजरीन ने किया। नाजरीन ने प्यार के लिए धर्म बदल लिया। नाजरीन ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम सीमा कश्यप रख लिया। बरेली के एक आश्रम में प्रेमी मुनेश कश्यप के साथ सात फेरे लिए। पंडित केके शंखधार ने विधि विधान से दोनों का विवाह संपन्न कराया। बिलारी थाना क्षेत्र के जटपुरा की रहने नाजरीन ने बताया कि एक साल पहले बाजपुर में उनकी मुलाकात मुनेश से हुई थी। मुनेश बरेली के सिरोही गांव के निवासी हैं। जान-पहचान के बाद दोनों की फोन पर बातचीत होने लगी।मुनेश ने बताया कि उन्हें नाजरीन से प्यार का इजहार किया तो उन्होंने हां कर दी। फिर हमने शादी करने का फैसला किया।
बता दें कि नाजरीन और मुनेश दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया,लेकिन दोनों के रिश्ते में मजहब की दीवार थी।इस पर नाजरीन ने घर छोड़ने का फैसला लिया। नाजरीन प्रेमी मुनेश के पास चली आईं। इसके बाद दोनों शहर के आश्रम पहुंचे और पंडित केके शंखधार मिले। दोनों ने शादी कराने की इच्छा जताई। नाजरीन और मुनेश के बालिग होने की पुष्टि के बाद पंडित केके शंखधार ने नाजरीन और मुनेश की शादी करा दी। प्रेम विवाह के बाद नाजरीन ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर प्रेमी से शादी की है। इसमें किसी का दबाव नहीं है। वह मुनेश से शादी करके खुश हैं।