नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हुई संगोष्ठी
कायमगंज, समृद्धि न्यूज। महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विश्व बंधु परिषद द्वारा आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने उन्हें विश्व का सबसे पराक्रमी क्रांतिकारी बताया। प्रोफेसर रामबाबू मिश्रा रत्नेश ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस अग्नि धर्मा क्रांतिकारी थे। उनकी आजाद हिंद फौज की अपूर्व कुर्बानियों के चर्चे हर एक की जुबान पर है,ं लेकिन दुर्भाग्य से इतिहास मौन है। शहीदों के अपमान से समूची कौम अभिशप्त हो जाती है। प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला ने कहा नेताजी जैसे महान राष्ट्रवीर की मृत्यु से आज भी रहस्य का पर्दा नहीं उठा है। इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है। वर्तमान सरकार से इसकी अपेक्षा की जाती है। वी0एस0 तिवारी ने कहा कि नेताजी संज्ञा नहीं विशेषण थे। महा क्रांति के समर में चमके ज्यों दिनमान। हुआ न कोई विश्व में वीर सुभाष समान।। गीतकार पवन बाथम ने अपने मुक्तक को प्रस्तुत करते हुए शहीदों को याद किया-पाप अन्याय न सहन करते, जो पड़ोसी का दुख हरण करते। उनकी आराधना है सौ सौ गुनी, जो शहीदों को हैं नमन करते।। युवा कवि अनुपम मिश्रा ने कहा-आजादी हमको मिली बिना खडग़ बिन ढाल। सच में ऐसे झूठ की मिले न कहीं मिसाल।। कहानीकार अंकित मिश्रा ने कहा कि नेताजी का रन घोष तुम हमें खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का युवकों पर बड़ा असर हुआ। पूर्व प्रधानाचार्य अहिवरन सिंह गौर, संत गोपाल पाठक, पूर्व प्रधानाचार्य आर0के0 दुबे, डॉक्टर सुनीत सिद्धार्थ, मनीष गौड़, विपिन पाठक, सौरभ चतुर्वेदी, राकेश कुमार और शाहिद ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र जैसे देशभक्त की प्रतिमाएं प्रत्येक नगर और ग्राम में लगवाई जाएं जिससे देश के युवा इजरायल के तरुणों की तरह आजादी का मूल्य समझने की प्रेरणा ले सकें।
पाप अन्याय न सहन करते, जो पड़ोसी का दुख हरण करते…………
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