माध्यमिक शिक्षकों पर शिकंजा कसने को शासन ने निरीक्षण की बदली व्यवस्था

निरीक्षण में अनुपस्थित पकड़े जाने पर छोडऩे का अब नहीं चलेगा खेल
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। माध्यमिक शिक्षा विभाग में शासन ने निरीक्षण की सत्र (2024-25) से नई व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत स्कूलों के निरीक्षण में अनुपस्थित मिलने पर शिक्षकों को शिक्षक संघ की पैरवी पर अब छोडऩे का खेल नहीं चल पायेगा। अधिकारियों को अब प्रत्येक माह ऐप के जरिए स्कूलों का निरीक्षण कर शासन को अपनी रिपोर्ट भेजनी होगी।
जानकारी के मुताबिक शासन ने निरीक्षण हेतु सरल ऐप लांच कर दिया है। जिसके माध्यम से डीआईओएस को प्रत्येक माह २० विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा। पहले राजकीय एवं अनुदानित विद्यालयों का कभी कभार निरीक्षण होता था। उसमें भी अनुपस्थित मिलने पर गुरु जी को शिक्षक नेताओं की पैरवी पर छोड़ दिया जाता था। नई व्यवस्था के तहत अब जीआईसी अनुदानित तथा वित्तविहीन विद्यालयों में शिक्षाधिकारियों द्वारा ताबड़-तोड़ छापेमारी की जायेगी। अनुपस्थित मिलने वाले गुरु जी की सूचना एवं निरीक्षण में पायी जाने वाली कमियों के संबंध में रिपोर्ट शासन को भेजना होगी। शिक्षा निदेशक डा0 महेन्द्र देव ने जारी आदेश में कहा है कि विद्यालयों का निरीक्षण अब परख ऐप के जरिए किया जायेगा। डीआईओएस को महने में २० तथा संयुक्त शिक्षा निदेशक को एप के माध्यम से १० विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा। निरीक्षण के समय शिक्षकों की उपस्थिति, छात्र पंजीकरण उनकी मौजूदगी, शैक्षिक गुणवत्ता, कक्षावार टाइम टेबिल से शिक्षण का विवरण आनलाइन एप पर भरा जायेगा।

शिक्षकों पर पाबंदी लगाना छात्र हित में नहीं

फर्रुखाबाद। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला संयुक्त मंत्री सतेन्द्र सिंह व उपाध्यक्ष संतोष दुबे ने कहा कि शासन द्वारा निरंतर शिक्षकों की निष्ठा और क्षमता पर संदेह करना दुर्र्र्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों पर पाबंदी छात्रहित में उचित नहीं है। शिक्षक स्वतंत्र होकर जितना अच्छा शिक्षण कर सकता है, उतना पाबंदी लगाकर नहीं कराया जा सकता है।

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