आगरा में एक बड़ी घटना: हाथरस की पुलिस ने आगरा के बरहन इलाके में युवती को भगा ले जाने के आरोप में पुलिस एक परिवार को उठा ले गई। बाद में यह कह कर छोड़ दिया कि एक लाख देने होंगे। हाथरस पुलिस के उत्पीड़न से तंग होकर तीन दिन में बरहन के रुपधनू गांव में दो भाइयों ने एक ही अंदाज में आत्महत्या कर ली।
आगरा: बरहन के रुपधनू गांव में दो भाइयों ने आत्महत्या कर ली। शनिवार को छोटे भाई संजय का गांव के बाहर खेत में पेड़ से लटका शव मिला था। वहीं सोमवार (24 जून) की दोपहर बड़े भाई प्रमोद ने भी आत्महत्या कर ली। गांव के बाहर मंदिर के पास प्रमोद का शव भी पेड़ से लटका मिला। स्वजन ने सादाबाद थाने के दारोगा पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है…
स्वजन ने सादाबाद थाने के दारोगा हरिओम अग्निहोत्री पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। बड़े भाई प्रमोद के बरहन थाने में तहरीर दे दी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। अब उसे सादाबाद पुलिस बयान के लिए बार-बार फोन कर बुला रही थी। सोमवार शाम को प्रमोद का शव भी गांव के बाहर पेड़ से लटका मिला। उसके हाथ में सुसाइड नोट धागे से बंधा है। मौके पर पहुंची पुलिस को ग्रामीणों ने दौड़ा दिया। संजय के भाई प्रमोद ने आरोप लगाया था कि सादाबाद थाने में तैनात दारोगा हरिओम अग्निहोत्री 9 जून को संजय को उठाकर ले गए थे। उन्होंने कहा था कि तुम्हारा साला लड़की को भगाकर ले गया है। दो दिन हवालात में रखने के बाद 11 जून को पुलिस ने शांतिभंग की कार्रवाई कर छोड़ दिया। इसके बाद 13 जून को पुलिस संजय के भाई प्रमोद और भतीजे को भी पकड़कर ले गई।आरोप है कि उन्हें 10 हजार रुपये लेकर पुलिस ने छोड़ दिया। इसके बाद दारोगा हरिओम 90 हजार रुपये लेने को दबाव बना रहे थे। 14 जून को संजय ने बैंक से रकम निकाले। 40 हजार रुपये और देने को दारोगा द्वारा दबाव बनाया जा रहा था। इससे तंग होकर संजय ने अपनी जान दे दी। प्रमोद ने रविवार को बरहन थाने जाकर सादाबाद थाने में तैनात दारोगा हरिओम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को तहरीर दे दी। मगर, वहां उनसे कह दिया गया कि बरहन के अधिकारियों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई होगी। दोपहर एक बजे प्रमोद आगरा से भाई संजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर गांव गए थे। इसके बाद वह अचानक घर से चले गए। शाम साढ़े चार बजे गांव के बाहर पेड़ से उनका शव लटका मिला। उनके हाथ में सुसाइड नोट लगा है। उसे धागे से बांध रखा था। आंवलखेड़ा चौकी इंचार्ज पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ा लिया। एडिशनल पुलिस कमिश्नर केशव चौधरी ने कहा परिजनों का आरोप है कि सादाबाद पुलिस लड़की भगाने के केस में पूछताछ के लिए संजय को ले गई थी। इसी प्रताड़ना से सुसाइड का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मृतक के परिजनों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद ग्रामीणों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने दिया। एसीपी ने कहा मृतक के परिजनों ने जो शिकायत की है, उसकी जांच CO सादाबाद गोपाल सिंह करेंगे। जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई जरूर होगी।
आगरा में बतौर होमगार्ड पुलिस विभाग में तैनात था प्रमोद सिंह
प्रमोद आगरा में होमगार्ड के रूप में तैनात था। छोटे भाई की मौत के समय प्रमोद ने रोते हुए कहा था- मेरे भाई को पुलिस ने बेवजह फंसाया गया है। उसे यातनाएं दी गई थी। संजय की मौत के बाद भी परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा किया था। वो सीओ और दरोगा के निलंबन की मांग पर अड़े थे। उस समय पुलिस ने उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कर दिया था। दूसरे भाई के सुसाइड करने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने आवंलखेड़ा पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस वालों का जमकर विरोध किया। गांव में पुलिस कर्मियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है, गांव में तनाव का माहौल है।