उत्तर प्रदेश में PCS जूडिशियल की परीक्षा में धांधली की गई है. मुख्य परीक्षा में 50 कॉपियां बदली गई थीं. यूपी लोक सेवा आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकार कर लिया है कि परीक्षा में धांधली हुई है. यूपी लोक सेवा आयोग में PCS की कॉपी बदला जाना और रिश्वत लेकर अभ्यर्थियों को पास करवाने का आरोप है. यूपी में PCS जूडिशियल की परीक्षा से अधीनस्थ कोर्ट में जज बनाए जाते हैं. यूपी लोक सेवा आयोग ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि गलत कोडिंग करके कापियां बदल दी गई हैं. इस बड़ी घटना पर तीन जूनियर अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है. हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 8 जुलाई को है. वहीं, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस जे के एक अभ्यर्थी की आंसर शीट बदलने के कथित मामले में पांच अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार का कहना है कि इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने पर अनुभाग अधिकारी शिव शंकर, समीक्षा अधिकारी नीलम शुक्ला और सहायक समीक्षा अधिकारी भगवती देवी को सस्पेंड कर दिया गया है.उनका कहना है कि पर्यवेक्षण अधिकारी ने उप सचिव सतीश चंद्र मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्णय लिया है. रिटायर्ड एसिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर चंद्रकला के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई है.
पीसीएस (जे) मुख्य परीक्षा-2022 के अभ्यर्थी श्रवण पांडेय ने आरटीआई के तहत अपनी आंसर शीट देखीं. इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी अंग्रेजी की आंसर शीट की लिखावट अलग थी और दूसरी आंसर शीट के कुछ पन्ने फटे हुए थे, जिसके कारण वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो सके.इसके बाद हाईकोर्ट ने 5 जून 2024 को यूपीपीएससी को याचिकाकर्ता के छह प्रश्नपत्रों की आंसर शीट कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था. आयोग ने 7 जून 2024 को हाईकोर्ट में उपस्थित होकर हलफनामा दिया कि मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्य परीक्षा में शामिल सभी 3,019 अभ्यर्थियों की 18,042 आंसर शीट की जांच की जा रही है, ताकि मूल्यांकन के दौरान उनकी पहचान गुप्त रखी जा सके.