Uttarakhand: जंगलों की आग से झुलस गए पहाड़

गर्मी बढ़ने के साथ ही कुमाऊं के जंगलों में आग बेकाबू होने लगी है। नैनीताल के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी। पाइंस की आग हाईकोर्ट के आवासीय परिसर तक पहुंच गई थी, जिस पर काबू पा लिया गया है। पिछले एक हफ्ते के दौरान जंगलों में आग लगने की 225 घटनाएं हुई, जिसमें 288 हेक्टेअर वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। बागेश्वर में तो जंगल की आग ने काफलीगैर मैग्नेसाइट फैक्टरी के माइंस कार्यालय को चष्ट में ले लिया, जिसमें 12 कमरे और मशीनें, कंप्यूटर तक जल गए। वनाधिकारियों के अनुसार कुमाऊं में नैनीताल और चंपावत जिला वनाग्नि की दृष्टि से बेहद संवेदनशील बना हुआ है। प्रदेश में 24 घंटे में 23 जगहों पर जंगलों में आग लगी है। इसमें 16 जगहों पर कुमाऊं में वनाग्नि की घटनाएं हुईं हैं। पूरे प्रदेश में 24 घंटे में करीब 35 हेक्टेयर जंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ चुके हैं। स्थिति इस कदर बिगड़ गई है कि नैनीताल जिले में जंगल की आग पर नियंत्रण के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है। हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी लेकर नैनीताल और उसके आसपास के वनाग्नि वाले क्षेत्रों में पानी गिराया है।  बागेश्वर में कलक्ट्रेट परिसर तक पहुंची वनाग्नि को नियंत्रित करने में चार घंटे से अधिक का समय लगा। आग से स्वान केंद्र की संचार केबल जल गई। इंटरनेट ठप होने से शनिवार को करीब 40 विभागों का कामकाज प्रभावित रहा।

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