खरी खोटी पुस्तक के लोकार्पण पर बही काव्य की धारा
कायमगंज, समृद्धि न्यूज। डॉ0 सुनील सिद्धार्थ की पुस्तक खरी खोटी के लोकार्पण के अवसर पर हुए शानदार कवि सम्मेलन का आयोजन कियागया। अनुगूंज साहित्यिक संस्था के बैनर तले सीपी गेस्ट हाउस में आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढक़र एक रचनाएं सुनार्इं। लखनऊ से पधारे रामकिशोर तिवारी ने संदेश देते हुए कहा-तुम स्वयं अपना दीपक जलाओ सखे। सो गई चेतन को जगाओ सखे।।, फतेहपुर की धरती से आए हास्य के कवि समीर शुक्ला ने श्रोताओं को बहुत देर तक बांधे रखा। उनकी रचना-अरे मेरे भैया बच के रहना, गिरगिट मिलि हैं सतरंगा। टिंनिक टिंनिक हर गंगा। वीर रस के जाने माने कवि बलराम सरस एटा ने वातावरण को बदलते हुए कहा-श्रृंगार के नगमे नहीं अब अंगार पर लिखिए। महबूब हो जिनका वतन उस प्यार पर लिखिए।। डॉ0 सुनील सिद्धार्थ ने आज की व्यस्त जिंदगी पर अपने विचार रखते हुए कहा-यूं तो बहाने बहुत हैं न मिल पाने के। चलो एक बहाना मिलने का भी कर लिया जाए। लखनऊ की हेमा पांडे ने श्रोताओं को श्रृंगार में सराबोर करते हुए पढ़ा-पग महावर लगाया तुम्हारे लिए, रूप मैंने सजाया तुम्हारे लिए। सात जन्मों तलक तुम हमारे रहो, चांद को जल चढ़ाया तुम्हारे लिए।। गीतकार पवन बाथम ने अपने चिर परिचित अंदाज में पढ़ा-याद करके तुझे शाद हम हो गए तेरी दुनिया में आबाद हम हो गए। तूने आंखों ही आंखों में क्या कह दिया, लोग समझे कि बर्बाद हम हो गए। बाराबंकी के जाने.माने हास्य के धुरंधर प्रदीप महाजन ने अध्यापकों के दर्द को व्यक्त करते हुए कहा-बच्चों को मिले शुद्ध दूध इसलिए मित्रों, अध्यापकों को भैंस भी अब पालनी होगी। हास्य के वातावरण को बहराइच से पधारे ओम वर्मा ओम ने ओजस्वी वाणी से संदेश देते हुए कहा राग द्वेष, भेदभाव, धर्म जाति छोड़ सब एक-एक पुत्र मेरा बोले वंदे मातरम। वाराणसी से पधारी रेशमी आवाज की मलिका विभा शुक्ला गीत और गजल पढ़ते हुए श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इन्होंने मुक्तक पढ़ते हुए कहा-गमों के साए ढलते जा रहे हैं, पुराने दिन बदलते जा रहे हैं।, बुलंदी पर जो देखा पक्षियों को, मेरे भी पर निकलते जा रहे हैं।। प्रारंभिक संचालन योगेश तिवारी प्रधानाचार्य सीपी विद्या निकेतन ने और कवि सम्मेलन का संचालन रामकिशोर तिवारी किशोर ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता और पुस्तक की समीक्षा प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश ने की। कार्यक्रम में डॉक्टर मिथिलेश अग्रवाल, डॉक्टर शरद गंगवार, अमर सिंह खटीक पूर्व विधायक, सर्वेश कनौजिया नायब तहसीलदार सदर, हर्षवर्धन प्रबंधक जिला सहकारी बैंक शमसाबाद और प्रधानाचार्य सौरभ गंगवार आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
तूने आंखों ही आंखों में क्या कह दिया, लोग समझे कि बर्बाद हम हो गए……….
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